चिरमिरी में पीलिया से हुई मौतों में, लापरवाही बरतने वाले जिम्मेदार अधिकारी पर एफआईआर हो - डोमरू रेड्डी

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चिरमिरी में पीलिया से हुई मौतों में, लापरवाही बरतने वाले जिम्मेदार अधिकारी पर एफआईआर हो - डोमरू रेड्डी

 


0*जनदर्शन में मुलाकात कर पूर्व महापौर डोमरू रेड्डी ने कलेक्टर को दिया पत्र*


0*पीलिया फैलना प्रशासनिक लापरवाही का परिणाम है, इसलिए मृतकों को 20 - 20 लाख का शीघ्र मिले मुआवजा*


0*मंत्री की फटकार के बावजूद परिस्थिति में कोई सुधार नहीं*






चिरमिरी।  नगर निगम चिरमिरी के छोटाबाजार क्षेत्र में जुलाई - अगस्त के महीने में गंदे एवं दूषित पानी के सप्लाई के कारण सैकड़ों लोगों में पीलिया की बीमारी फैल गई थी. एसईसीएल एवं नगर निगम के पाईप लाईनों से संक्रमित पानी तथा साफ - सफाई की बद-इंतजामी के कारण फैले इस बीमारी से न केवल लोग उल्टी - दस्त, बुखार एवं पीलिया से परेशान हुए बल्कि तीन नौजवान लोगों की मृत्यु भी हो गई. नागरिकों को शासन - प्रशासन से मिलने वाले नागरिक सुविधाओं में इस प्रकार की दुर्व्यवस्था के कारण क्षेत्र में फैल रहे बीमारी पर रोकथाम में सत्ताधारी नेता और अधिकारियों ने जनता के बीच पनप रहे गुस्से को रोकने की दिशा में फूर्ति दिखाते हुए जहाँ पानी टैंकरों से पेयजल आपूर्ति कराई, वहीं दूसरी ओर गली मोहल्लों में साफ - सफाई कर ब्लीचिंग पाऊडर वगैरह छिड़काव भी किया गया. उस समय ऐसा लग रहा था मानों प्रशासन अपनी की हुई गलतियों को सुधार करते हुए सदा - सदा के लिए जैसे जाग गया हो. मंत्री श्यामबिहारी जायसवाल भी मौके पर पहुँच कर, दोषियों पर एफआईआर कराने की चेतावनी देते हुए, जनता के बीच माहौल बनाकर तालियाँ बटोरकर वाहवाही लेकर चले गए और घटना के तीन महीने बाद नेता अधिकारी सब इस पूरे मामले को भूला दिए. किन्तु प्रशासनिक गलती और उपेक्षा के कारण नलों में आने वाले दूषित पानी और घर मोहल्ले में स्वच्छ भारत मिशन के इस दौर में भी साफ सफाई न होने के कारण फैले बीमारी से जिन घरों के चिराग बूझ गए, उनको देखने वाले जिम्मेदार आँख मूंद लिए हैं.


इस मामले को गम्भीरता से लेते हुए विपक्षी दल ने जिला प्रशासन से सम्पूर्ण मामले को गम्भीरता से लेकर, उचित हस्तक्षेप करने की माँग रखी है. जनदर्शन कार्यक्रम में चिरमिरी के पूर्व महापौर एवं जिला कांग्रेस कमेटी के उपाध्यक्ष के. डोमरू रेड्डी ने कलेक्टर के प्रतिनिधि के रूप में जनदर्शन सुनवाई कर रहे अपर कलेक्टर अनिल सिदार के समक्ष सम्पूर्ण घटनाक्रम का जिक्र करते हुए कलेक्टर को सम्बोधित अपने पत्र में कहा है कि हमारे चिरमिरी शहर में पीलिया की बीमारी फैलने से तीन लोगों की मृत्यु हो गई है और लगभग 500 से अधिक लोग संक्रमित होकर अस्पतालों में ईलाज कराने के कई दिनों बाद स्वस्थ हो पाये हैं। यह विकराल परिस्थिति प्रशासनिक लापरवाही और शासन की नीतियों के सही क्रियान्वयन न हो पाने के कारण ही निर्मित हुई है। इसमें बीमारी की चपेट में आए लोगों का क्या दोष? इसलिए इस मामले में जिम्मेदारी तय की जाकर कार्यवाही किया जाना आवश्यक है. साथ ही पूर्व महापौर ने स्वास्थ्य मंत्री के एफआईआर करवाने की बात को कोड करते हुए एफआईआर कराने की माँग दोहराई है.


अपने क्षेत्र के नागरिकों को हुए तकलीफों को गम्भीरता से लेते हुए श्री रेड्डी ने यह भी कहा है कि बीमारी के दिनों में प्रभावित क्षेत्रों के दौरे पर पहुँचे अधिकारियों की ओर से अधिकाधिक रुप से आये बयानों के अनुसार, इसके प्रमुख कारण ये हैं :-

1. साफ - सफाई में कमी के कारण गंदगी का अम्बार लग जाना.

2. बिना फिल्टर के SECL द्वारा कोयला खदान से निकलने वाले गैस मिश्रित पानी को सीधे सप्लाई कर दिया जाना.

3. नगर निगम के पाईप लाईनों का नाली से कनेक्ट होना.

उन्होने यह भी कहा कि प्रशासन को अपनी जिम्मेदारी समझनी होगी कि चूक कहाँ हुआ और भविष्य में इससे सीख लेकर शहर में नागरिक सुविधाओं को उपलब्ध कराने के लिए काम करना होगा। शहर में स्वच्छता बनाए रखने, दूषित पानी की समस्या का समाधान करने और स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार करने की आवश्यकता है। जो कि हो नही रहा है. मुआवजे की मांग पर कांग्रेस नेता श्री रेड्डी ने अपने पत्र में लिखा है कि हम शासन और प्रशासन से मांग करते हैं कि तीनों मृतक के परिजनों को 20 - 20 लाख रुपये का मुआवजा दिया जाए। यह मुआवजा उनके परिवारों को आर्थिक सहायता प्रदान करेगा और उन्हें इस कठिन समय में सहारा देगा।

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