*0जनदर्शन में कलेक्टर से मुलाकात कर, कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल ने हकीकत से वाकिफ कराया
चिरमिरी। एसईसीएल में जनता के टैक्स के पैसों को कैसे खुले हाथों से लुटाया जाता है, इसका ताजा उदाहरण चिरमिरी क्षेत्र के गोदरीपारा, हल्दीबाड़ी के एनसीपीएच कॉलरी एवं चिरमिरी कॉलरी बरतुंगा के कोठारी में कॉलोनियों से निकलने वाले गंदे पानी को ट्रीटमेंट कर, साफ पानी बनाने के लिए लगभग 12 करोड़ खर्च कर स्थापित किए गए तीनों एसबीआर सिस्टम पूरी तरह से फेल हैं। प्लांट देखने या जाँच पड़ताल करने आने वालों उच्चाधिकारियों को दिखाने के लिए इन्होंने बोर के साफ पानी से संचालित पानी के कृत्रिम बहाव को ही दिखा कर भ्रमित करने का भी गजब का खेल चला रखा है, जिसे लेकर चिरमिरी के पूर्व महापौर और जिला कांग्रेस उपाध्यक्ष के. डोमरू रेड्डी ने कांग्रेस नेताओं के साथ मिलकर जिला कलेक्टर से जनदर्शन में मुलाकात कर फर्जीवाड़ा कर धोखेबाजी करने वाले इस योजना पर उचित कार्यवाही की माँग किया है।
सरकार के योजनाओं में कागजी खानापूर्ति का यह अनोखा खेल चिरमिरी एसईसीएल कैसे खेल रहा है, यह किसी अजूबा से कम नहीं है। पर्यावरण संरक्षण के दिशा में नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के सख्ती के बाद सरकार के आदेश के परिपालन के बजाय कम्पनी ने योजना के संचालन से पहले ही 12 करोड़ फूँक डाले, किन्तु नतीजा शून्य रहा। सफेद हाथी के रूप में खड़े इस कथित प्लांट में नालियों के कनेक्ट न होने के कारण एक लीटर भी गंदा पानी आता है, परिणामस्वरुप फिल्टर भी कुछ नहीं होता।
इतना ही नहीं इस आधे अधूरे प्लांट में कमिशन का जोर ऐसा चला है कि पहले अधूरे प्लांट का भुगतान हुआ और अब मेंटेनेंस के नाम पर भी निर्माण एजेंसी के साथ पूरा हिसाब हो रहा है। इसके अलावा एजेंसी द्वारा एसईसीएल के कर्मचारियों को इस योजना के सम्बंध में प्रशिक्षण भी दिया जाना था, जिस दिशा में भी किसी का ध्यान नहीं है। कम्पनी के साथ किए गए इस फर्जीवाड़े का पर्दाफाश करने कलेक्टर से मुलाकात कर पूर्व महापौर के. डोमरु रेड्डी ने ठोस कार्यवाही की माँग रखी है.


















