सूरजपुर। सरगुजा जिले के मैनपाट में स्थित प्रसिद्ध 'उल्टापानी' ग्रेविटी हिल, जहाँ पानी और वाहन ढलान पर ऊपर की ओर बढ़ते प्रतीत होते हैं, अब वैज्ञानिक रूप से स्पष्ट हो गई है। सेंजेस नवापारा, सूरजपुर में भौतिकी के व्याख्याता दुष्यंत कुमार राजवाड़े द्वारा किए गए एक व्यवस्थित अध्ययन ने इस लंबे समय से चले आ रहे भ्रम को दूर कर दिया है कि यह कोई चुंबकीय प्रभाव है या गुरुत्वाकर्षण के नियम यहाँ विफल होते हैं।
पंडित रविशंकर विश्वविद्यालय के शोध जर्नल में प्रकाशित इस अध्ययन में उल्टापानी का एक डिजिटल एलिवेशन मॉडल, 3डी मानचित्र, ऊंचाई प्रोफाइल और एक कंटूर मैप तैयार किया गया, जिसने साइट की वास्तविक ढलान को स्पष्ट किया।
दुष्यंत कुमार राजवाड़े बताते हैं, "डेटा विश्लेषण और भौतिक सत्यापन से यह स्पष्ट है कि यहाँ कोई रहस्यमय या चुंबकीय शक्ति नहीं है जो पानी या वाहनों को ऊपर की ओर खींचती हो। वास्तव में, यह एक ऑप्टिकल इल्यूजन (दृष्टिभ्रम) है।" उन्होंने आगे कहा, "यह पहली बार है कि यह वैज्ञानिक रूप से समझाया गया है कि पानी गुरुत्वाकर्षण के कारण नीचे की ओर ही बह रहा है।"
यह शोध मैनपाट के इस लोकप्रिय पर्यटन स्थल के पीछे के वैज्ञानिक सत्य को उजागर करता है, और लोगों को प्राकृतिक घटनाओं को समझने के लिए एक नया दृष्टिकोण प्रदान करता है।