0*बरसात चालू होते हैं ऑफिस में भर जाता है पानी।*
0*जान जोखिम में डालकर जर्जर भवन में विभाग के अधिकारी कर्मचारी कर रहे हैं काम।*
0*छत का प्लास्टर टूट टूट कर गिर रहा है।*
बसंत यादव
डाँड़गांव। उदयपुर महिला बाल विकास विभाग ब्लाक मुख्यालय का ऑफिस 40 साल पुराने जर्जर भवन में लग रहा है भवन इतना जर्जर हालत में है कि भवन के छत का प्लास्टर टूट टूट कर गिर रहा है।इस ऑफिस में काम करने वाले अधिकारी, कर्मचारी जान जोखिम में डाल कर काम लम्बे समय से कर रहे हैं कभी भी कोई बड़ी दुर्घटना घट सकती है।यह कार्यलय विकास खंड का मुख्यालय ऑफिस हैं।लंबे समय में विभागीय पत्रचार के बाद भी भवन में कोई सुधार नहीं हुआ है।जिस कारण कर्मचारिय भयभीत हैं। अब पुनः बरसात शुरू होने वाला है जैसे ही बरसात चालू होता है पूरे भवन में पानी टपकने लगता है ऑफिस में पानी भर जाता है पैर रखने तक का जगह नहीं रहता है।जहाँ 15 से बीस कर्मचारी, अधिकारी प्रति दिन बैठ कर काम करते हैं।बरसात के दिनों में भवन के छत पर तिरपाल डाल कर किसी प्रकार काम लम्बे समय से चलाया जा रहा था लेकिन इस बार यह भी संभव नहीं है ।यह भवन नेशनल हाईवे 130 अम्बिकापुर, बिलासपुर के चौड़ी करण के चपेठ में आ गया है भवन एकदम हाईवे से सट गया है।जिससे भी ऑफिस में आने जाने वाले लोगों को खतरा बना रहता है।
पोषण आहार, सरकारी रिकॉर्ड सहित अन्य सामान बारिस में होता है खराब।
बारिस होते ही पानी भरने के कारण ऑफिस का रिकॉर्ड, पोषण आहार, सहित अन्य सामान बारिश के समय पुरी तरह से भीग जाता है जिस कारण विभाग इस वर्ष जान माल सुरक्षा के दृष्टिकोण से अब विभाग को किराए का मकान लेकर ऑफिस चलाने के तैयारी में है।वहीं मीटिंग हाल ,नही होने के कारण कारण विभागीय मीटिंग के लिए अन्य कार्यलयों के ऑफिस का सहारा लेना पड़ता है जबकि हर माह में एक से दो बार आंगनबाड़ी कार्यकर्ता एवं सुपरवाइजर लोगो का मीटिंग भी अनिवार्य रहता है। सह गोदाम में भी पुरी तरह से जर्जर होने के कारण वहा भी कदम रखना मुश्किल हो जाता है।
शौचालय पानी के लिये तरस रहे हैं विभागीय कर्मचारी।
ब्लाक मुख्यालय स्तर का महिला बाल विकास ऑफिस हैं।काम चलाऊ सौचालय तो बना है लेकिन पानी का व्यवस्था ना होने के कारण उपयोग विहीन हैं उसके बाद भी विभागीय अधिकारी मौन हैं। जिस कारण यहाँ के कर्मचारियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। विभागीय एवं प्रशासनिक उदासीनता के कारण समस्याओं से जूझ रहा है ब्लाक मुख्यालय का महिलाबाल विकास ऑफिस
कई आंगनबाड़ी केंद्र हैं भवन विहीन, मरोमत के नाम पर लीपापोती।
वही विकास खंड उदयपुर में गुमगा, बासेन सहित दर्जनों गांवों में आज भी आंगनबाड़ी केंद्र भवन विहीन हैं।जिस कारण छोटे बच्चों को जुगाड़ के भवन या किराये के भवन में आँगन बड़ी केंद्र का संचालन करना पड़ रहा है। कई भवन काफी जर्जर था जिसका जिला प्रशासन से मरोम्म हेतु राशि सुकृत हुआ है ।लेकिन मरोमत कार्य इतना घटिया हो रहा है कि सिर्फ लीपापोती छोटे बच्चों को भी नहीं छोड़ा जा रहा है उसके बाद भी संबंधित विभाग के अधिकारी मौन हैं। जो समझ से परे है।
भवन काफी जर्जर हालत में है कार्यलय संचालन में काफी दिक्कत हो रही हैं।बारिश में पानी भर जाता है।वैकल्पिक व्यवस्था के तहत किराये में भी जरूरत पड़ी तो लेंगे।उच्च अधिकारियों को सभी समस्याओं के बारे में अवगत करा दिए हैं।
दयामणि कुजूर महिला बाल विकास
परियोजना अधिकारी उदयपुर।