बसंत यादव
डाँड़गांव। सांस्कृतिक श्रोत प्रशिक्षण नई दिल्ली के निर्देश से राज्य सरकार द्वारा प्रदेश से सभी जिलों से अलग अलग शिक्षक का चुनाव कर विभिन्न विषयों के आधार पर सांस्कृतिक श्रोत प्रशिक्षण शिविर का आयोजन देश के अलग अलग प्रदेशो में दिया जा रहा है।इसी कड़ी में सरगुजा जिले से विपिन बिहारी गहवई व्याख्याता शासकीय हाई स्कूल फुलचुही का चयन प्रदेश स्तर से सांस्कृतिक श्रोत के लिए मध्यप्रदेश के जिला दमोह के किया गया है। जिनका विषय प्राकृतिक एवम सांस्कृतिक विरासत संरक्षण की महत्वपूर्ण भूमिका है। इनका मुख्य उद्देश्य अपने आसपास की सांस्कृतिक और प्राकृतिक विरासत को लोगो तक पहुंचा ही है। इसी कड़ी में आज छत्तीसगढ़ की टीम ने छतीसगढ़ी व्यंजन की प्रदर्शनी के साथ छत्तीसगढ़ की विभिन्न लोकगीत जिसमे सुवा, कर्मा , जस गीत ,भोजली ,तीज पोरा गीत ,हरेली गीत ,पंथी ,रावतनाचा ,नाचा गीत आदि का प्रस्तुति किया गया। कार्यक्रम की प्रारंभ छत्तीसगढ़ राज्य गीत अरपा पैरी के धार से हुआ । इस कार्यक्रम के लिए पूरे छत्तीसगढ़ के अलग अलग जिलों से 10 लोगो का चयन किया गया है । इस प्रशिक्षण में 10 राज्य के प्रतिभागी आए हुए है ।