*मजदूरों का हक मारकर जेसीबी से कर दिया था मनरेगा तालाब का कार्य।*

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*मजदूरों का हक मारकर जेसीबी से कर दिया था मनरेगा तालाब का कार्य।*

 



सोनू कश्यप प्रतापपुर। प्रतापपुर के ग्राम पंचायत गोविंदपुर में मनरेगा के तहत लाठ पोखरा तालाब कार्य में भारी गड़बड़ी करते हुए अधिकारी एवं सरपंच सचिव की मिली भगत से 500000 का भ्रष्टाचार करते हुए मजदूरों का हक मार कर कार्य को जेसीबी से कर दिया था उक्त मामला प्रमुखता से खबर प्रकाशन हुआ था जिसे देख शासन प्रशासन में मच गया था हड़कंप तत्काल जिला पंचायत सीईओ कमलेशनंदनी साहू ने मामला को तत्काल संज्ञान में लेकर जांच टीम बनाकर जनपद पंचायत प्रतापपुर के सीईओ राधेश्याम मीर्झा व एसडीओ आर आईएस विभाग लवली सिंह सहित पीओ पैकरा, इंजीनियर, सहित दल बल को मौके पर जांच करने पहुंचे जहां पर सरपंच सचिव उप सरपंच पंच हुआ ग्राम वासियों के साथ गोविंदपुर तालाब पहुंचे जिसमें ग्राम वासियों के द्वारा मौके पर तालाब निरीक्षण में अधिकारियों को घेर लिया वह महिला एवं पुरुष ने अधिकारियों की जमकर खबर लिया तथा खूब खरी खोटी सुनाया क्योंकि गांव वालों ने कहा कि अधिकारियों के मिली भगत के बिना नामुमकिन होता है ऐसे बड़ा पैमाने का भ्रष्टाचार होना जहां पर जेसीबी के खुदाई के निशान एवं तालाब के बीचो-बीच मालवा रखा हुआ देखा गया इन सरपंच सचिव को बड़े अधिकारियों का संरक्षण प्राप्त होता है तभी इतने बड़े-बड़े कारनामों को अंजाम देते हैं गांव में इस तरह से गरीब लोगों का सरकारी काम में हक मार कर करा दिया जाता है जेसीबी से उत्खनन कार्य इतने पैसे में कई गरीबों के घर चल जाता, लाखों लाख सरकार का लगाते हैं चूना और कर दिया जाता है पैसों का बंदरबाट लेकीन अधिकारियों द्वारा कोई भी कार्यवाही नहीं किया जाता है इसलिए उनके हौसला बुलंद रहते है वहा पर मौजूद सभी ग्रामवासियों एक जुट होकर आक्रोशित होकर कार्यवाही की मांग करने लगे माहौल हो रह था। 

जिसको देख जांच करने पहुंचे अधिकारी ने तत्काल वहां मौके से आनन फानन में हटना ही उचित समझा अब देखना है कि बड़े अधिकारियों के द्वारा किस प्रकार से सचिव सरपंच के प्रकार से कार्यवाही करते हैं क्या इसमें भी कमीशन खोरी करके मामला रफा दफा करते हैं या कोई बड़ा कार्यवाही भी होता है स्थानीय ग्रामीण ग्रामीण व महिलाओं में साफ-साफ अधिकारियों को कर दिया है कि संबंधित पंचायत जनप्रतिनिधि व सचिव के ऊपर कोई बड़ा कार्यवाही नहीं होता है। तथा पंचायत भवन में तालाब का निरीक्षण करने के बाद आमसभा रखी गई जहां पर लोगों ने एक और में भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए साफ-साफ कहा कि संपूर्ण कार्य को जेसीबी से कराकर लीपा पोती कर दिया गया। जहां जांच में गए अधिकारियों के भी हाथ पैर फूलने लगे जहां अपना बचाव करना प्रारंभ किया वहीं पर इतने व्यापक भ्रष्टाचार में सरपंच सचिव अधिकारी सहित इंजीनियर एवं पीओ की मिली भगत सामने आई है। ग्रामीणों ने कहा कि अगर जांच में किसी प्रकार की हेरा फेरी की गई है तो हम लोग जनपद के सामने धरना प्रदर्शन करेंगे हम लोग उग्र आंदोलन करने को बाध्य हो जाएंगे जिसका खामियाजा संबंधित शासन प्रशासन भुगतना पड़ेगा।


मौका जांच के दौरान कई तरह की अनियमित देखने को मिली वहीं ग्रामीणों ने सरपंच एवं सचिव पर ग्राम पंचायत में मनमाने तरीके से कई प्रकार के पैसे आहरण करने की बात कहे तथा भ्रष्टाचार में लिफ्ट यह गांव लंबे समय से सरपंच सचिव के मनमानी से त्रस्त है। पंचायत का संपूर्ण कागजात अधिकारियों ने जांच करने के लिए अपने साथ ले गए जहां ग्रामीणों के सामने सरपंच सचिव को भी जमकर फटकार लगाई गई। देखना यह होगा कि यह कारनामा माहौल शांत करने के लिए हुआ या कुछ कार्यवाही कर अधिकारी जनता का भला करेंगे।


जांच अधिकारी जनपद पंचायत सीईओ राधेश्याम मीर्झा ने कहा कि मामले की सूक्ष्मता से जांच की गई है तथा सभी विषय पर जांच करते हुए, स्थानीय तालाब का निरीक्षण किया गया जहां पर जेसीबी का चलने का निशान सहित बीच में तालाब की मिट्टी का ढेर वह जगह-जगह जेसीबी के पांच के निशान देखे गए तथा मनरेगा के तहत होने वाले इस कार्य में भारी लापरवाही बढ़ती गई है और पैसा आहरण किया गया है जिसकी जांच कर जिला पंचायत सीईओ साहू मैडम के पास में भेजा जाएगा एवं इसमें संलिप्त जितने लोग हैं। कड़ी से कड़ी कार्रवाई करने की अनुशंसा की जाएगी ताकि भविष्य में कभी इस तरह की बातें सामने ना आए वही जेसीबी से कार्य होना इस बात को दर्शाता है। की घोर लापरवाही करते हुए अधिकारी सरपंच सचिव इंजीनियर, पीओ, की भूमिका संदिग्ध है।


अधिकारियों को भी खरी खोटी सुनाते हुए ग्राम पंचायत गोविंदपुर का यह मामला सोशल मीडिया में भी जमकर भाजपा और कांग्रेस सहित अन्य कई ग्रुपों में वीडियो वायरल हो रहा है जहां का खुद ही आप व्यवस्था को बताते हुए महिलाओं ने भी कड़े स्वर में अधिकारी से सवाल जवाब कर रहे हैं।

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