*ट्रैक्टर पर सवार होकर सांसद पहुँचे दुर्गम गाँव*

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*ट्रैक्टर पर सवार होकर सांसद पहुँचे दुर्गम गाँव*



 0*बारिश के बीच सुनी ग्रामीणों की समस्याएँ,उम्मीदों को मिला सहारा* 






सूरजपुर। बारिश से भीगी पगडंडियां, कीचड़ में सने रास्ते और घने जंगलों के बीच बसा वह गांव जहां न सड़क है, न पुल, और न ही बुनियादी सुविधाओं की पहुंच है। ऐसे दुर्गम हालात में सरगुजा सांसद चिंतामणि महाराज ने ट्रैक्टर से सफर तय कर सूरजपुर जिले के ओडगी विकासखंड के अत्यंत पिछड़े बड़वारीपारा पहुंचकर वहां निवासरत विशेष पंडो जनजाति के लोगों से मुलाकात की, जो वर्षों से शासन-प्रशासन की अनदेखी का सामना कर रहे हैं।

लगातार बारिश के बावजूद सांसद ने न सिर्फ ग्रामीणों की व्यथा सुनी, बल्कि शिक्षा, आंगनबाड़ी, स्वास्थ्य, पेयजल और छात्रावासों की बदहाल स्थिति पर जिम्मेदार अधिकारियों को कड़ी फटकार भी लगाई। गांव में आज भी करीब 61 बच्चे विद्यालय और आंगनबाड़ी केंद्र से वंचित हैं। गर्भवती महिलाओं को पोषण आहार के लिए मीलों पैदल चलना पड़ता है और बीमारों को इलाज के लिए संघर्ष करना पड़ता है।

ओडगी विकासखंड से करीब 60 किलोमीटर दूर, घने जंगलों और नदी-नालों के बीच बसे ग्राम पंचायत विजो छतौली के बड़वारीपारा का इलाका विशेष पंडो जनजाति के निवास के लिए जाना जाता है। यह क्षेत्र वर्तमान में रिजर्व फॉरेस्ट क्षेत्र में आता है, जिससे विकास के अधिकांश कार्य वर्षों से ठप पड़े हैं और मूलभूत सुविधाओं का घोर अभाव है। जहाँ आज भी विशेष पंडो जनजाति जिन्हें राष्ट्रपति के दत्तक पुत्र कहा जाता है घने जंगलों और नदियों के बीच कच्चे रास्तों पर ज़िंदगी गुजारते हैं। वर्षों से विकास की मुख्यधारा से कटे इन लोगों की सुध लेने न तो कोई अधिकारी पहुँचा और न ही कोई जनप्रतिनिधि पर सांसद चिंतामणि ने यह दूरी मिटाई, वह भी बारिश और दुर्गमता की परवाह किए बिना।करीब आठ माह पहले, बिहारपुर प्रवास के दौरान जब सांसद को पहली बार इस क्षेत्र की जानकारी मिली थी, उसी रात वे बड़वारी पारा पहुँचे थे और लोगों से सीधी बात कर समस्याएं सुनी थीं। अब,आठ महीने बाद उन्होंने दोबारा वही वादा निभाते हुए गुरुवार को बड़वारीपारा की राह पकड़ी और इस बार साथ में प्रशासनिक अमला भी था।मगर जब उन्हें यह ज्ञात हुआ कि राजस्व मामलों को छोड़कर बाकी समस्याएं जस की तस हैं, तो उन्होंने मौके पर ही अधिकारियों को फटकार लगाई। महिला एवं बाल विकास विभाग और शिक्षा विभाग की घोर लापरवाही सामने आई, क्योंकि आज भी वहाँ लगभग 61 बच्चे स्कूल या आंगनबाड़ी नहीं जा पाते, क्योंकि केंद्र 5 किमी दूर है।गांव में न पीने का साफ पानी, न सड़क, न स्वास्थ्य सुविधा है जिस पर सांसद ने तत्काल सभी संबंधित विभागों को निर्देशित किया कि एक सप्ताह के भीतर अस्थायी केंद्र और पेयजल की व्यवस्था की जाए।

उल्लेखनीय है कि बड़वारीपारा की गर्भवती महिलाओं को पोषण आहार के लिए 5 किलोमीटर पैदल चलना पड़ता है और बीमारों को कंधे पर ले जाना आम बात है। ऐसे में सांसद का दौरा लोगों के लिए उम्मीद की नई किरण बन गया जिसकी ग्रामीणों ने जमकर सराहना की है।सांसद के साथ प्रवास में सत्यनारायण सिंह, प्रकाश दुबे, राजेश्वर तिवारी, प्रदीप द्विवेदी, संजय गुप्ता, मुकेश श्रीवास्तव, गयानंद जायसवाल समेत भाजपा कार्यकर्ताओं की उपस्थित रही।


 *छात्रावासों की दुर्दशा देख नाराज़ हुए सांसद, व्यवस्था सुधारने के निर्देश..* 


प्रवास की वापसी के दौरान सांसद चिंतामणि महाराज ने ग्राम पंचायत खोड़ स्थित कन्या और बालक छात्रावासों का औचक निरीक्षण किया। यह छात्रावास आदिवासी बच्चों की शिक्षा के लिए चलाई जाती है, पर वहाँ न तो बच्चों को अच्छा भोजन मिल रहा था, न गणवेश, न पर्याप्त बेड और न ही समुचित शिक्षा,भवन जर्जर,खिड़कियाँ टूटी थीं, बिजली नहीं थी और शिक्षकों की भी कमी पाई गई।यह देखकर सांसद ने तत्काल सहायक आयुक्त से फोन पर बात कर सभी व्यवस्थाओं में सुधार और जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई के निर्देश दिए।

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