0*आजादी के बाद पहली बार पहुंचा पहाड़ी कौरवा गांव कोई अधिकारी*
0*कलेक्टर ने आगनबाड़ी, सड़क, ढोढ़ी,तालाब, प्रधानमंत्री आवास, सहित अन्य विकास कार्य करने को दिये निर्देश*
0*जमीन पर बैठक कर सुनी पहाड़ी कौरवाओ की समस्या ,आयुष्यमान एवं राशन कार्ड का मौके पर किया गया वितरण*
0*कलेक्टर के लगातार पहुंच विहीन वन क्षेत्र के दौरों से लोगों में जगी विकास की आस*
बसंत यादव
डाँड़गांव। सरगुजा जिले के उदयपुर विकास खंड मुख्यालय से लगभग 40 किलोमीटर दूर पर स्थित घनघोर जंगल वन क्षेत्र के ग्राम पंचायत भकुरमा के आश्रित ग्राम बांस ढोड़ी ग्राम कलेक्टर सरगुजा भोस्कर विलास संदीपन ने पहुँच कर नया मिशाल कायम किया है आजादी के 77 साल बाद पहली बार कोई कलेक्टर इस गांव में पहुँचा हैं।आप डाउन कुल लगभग 15 किलोमीटर पैदल चल कर लगभग 15घरों में निवास करने वाले पहाड़ी कौरवा बस्ती में पहुंच कर लोगों की सुनी समस्यायें।
अपने बीच कलेक्टर सहित अन्य आला अधिकारियों को पाकर जंगल में निवास करने वाले पहाड़ी कौरवा गदद हो गए।उन्हें कहा साहब को जीवन में पहली बार कलेक्टर यहाँ या बड़े अधिकारी हम लोगों का सुख दुख जानने आये है।यह इलाका पुरी तरह से दुर्गम पहाड़ी जंगल के साथ पहुंच विहीन ही।विगत दिनों उदयपुर ब्लाक के ही पहुंच विहीन सेदू, सुसकम गांव में कलेक्टर मोटर साइकिल से पहुँच कर ग्रामीणों से मिलकर इन गांवों के समस्याओं से रूबरू हुए थे।इसके अलावा अन्य पहुंच विहीन गांवों का दौरा कलेक्टर द्वारा लगातार किया जा रहा है जिससे पहुंच विहीन गांव के लोगों में अपने गाँव की तस्वीर बदलने की एक बार फिर आस जगी है।
7 घँटे दौरों के बाद कलेक्टर लौटे ब्लाक मुख्यालय।
25 सितंबर को कलेक्टर सुबह11 बजे अपने दल बल के साथ निकले हुए थे बांस ढोड़ी गांव के लिए उनके साथ ब्लाक मुख्यालय के सभी अधिकारियों के साथ साथ जिला स्तर के बड़े अधिकारी भी थे। जो भकुरमा पंचायत मुख्यालय पहुँचने के बाद सीधे खड़ी पहाड़ी पैदल चढ़कर जहां पगडंडी रास्ता तक नहीं है।वहाँ दुर्गम वन क्षेत्र में पहुंच बांस ढोड़ी पहुंच कर पहाड़ी कौरवा बस्ती पहुंचे वहाँ का जीवन स्तर देख कर कलेक्टर भी दंग रह गए।आप डाउन लगभग 15 किलोमीटर दुरी तय कर शाम 5 बजे ब्लाक मुख्यालय उदयपुर पहुंचे लगभग 7 घँटे कलेक्टर ने समय निकाल इस दुर्गम पहुंच विहीन गांव पहुंचे हुए थे। बीच बीच में तीन बार बारिश होने के कारण कलेक्टर साहब एवं टीम को भीगना भी पड़ा।
जमीन पर बैठ कर सुनी ग्रामीणों की समस्याएं।
कलेक्टर भोस्कर विलास संदीपन ने पूरे पहाड़ी कौरवा सहित अन्य ग्रामीणों के साथ जमीन पर बैठ कर एक एक समस्याओं से रूबरू हुए कलेक्टर ने तत्काल अधिकारियों को निर्देश दिया कि इस पहुंच विहीन गांव में वन विभाग के माध्यम से आने जाने के लिए मिट्टी सड़क बनाया जाए इसके अलावा आज तक शिक्षा से वंचित स्कूल एवं आगनबाडी चालू करने के लिए सबसे पहले आगनबाडी केंद्र खोलने के निर्देश जो पहुंच विहीन के कारण पक्के का भवन बनना तो मुश्किल है उसके लिए टिन का शेड बना कर आँगनबाड़ी खोलने के निर्देश दिए और उसी गांव में सबसे अधिक 10पास एक पढ़ी लिखी महिला को आँगनबाड़ी संचालन के निर्देश दिए।इसके अलावा गांव में कुँवा एवं तालाब बनाने के लिए निर्देशित किया गया।
सदियों से इस गांव में लोग ढोढ़ी का पानी पीते हैं।
पूर्व में विगत वर्ष यह गांव डायरिया के प्रकोप में भी आया था जहाँ डॉक्टरों की टीम पहुंच कर बड़ा मुश्किल से गांव में ही ईलाज कर लोगों की जान बचाई थी।यहाँ पुरा गांव सदियों से ढोढ़ी का पानी पी अपना व्यास बुझा रहे हैं।पानी की समस्या को देख कलेक्टर ने कुँवा खोदने के निर्देश दिए।
अधिकारी पैदल चल कर लस्त हुए लेकिन कलेक्टर को नहीं पड़ा कोई असर।
कलेक्टर साहब के 15 किलोमीटर पैदल पहाड़ी चल कर उनके साथ गए कुछ अधिकारी लस्त हो गए तो कुछ पहाड़ी चढ़ ही नहीं पाए लेकिन कलेक्टर साहब इतना दूरी चलने के बाद भी जरा सा भी चेहरे पर थकान महसूस नहीं हुआ।और सबसे आगे चलते रहे।
उनके साथ नूतन कवर जिला पंचायत सीईओ, बन सिंह नेताम एसडीएम,जिला शिक्षा अधिकारी अशोक सिन्हा,आकाश गौतम प्रभारी तहसीलदार उदयपुर, वेदप्रकाश गुप्ता जनपद सीईओ, रवि कांत यादव बीईओ, कमलेश राय रेंजर एवं ब्लाक तथा जिले स्तर के अधिकारी मौके पर उपस्थित रहे।