कोरिया। गुरुघासीदास राष्ट्रीय उद्यान वन मंडल इन दिनों सुर्खियों में आते रहते है ना जाने सिस्टम को कौन सा आशीर्वाद मिला है कि रेंजर को ऊपर असीम कृपा बरस रहा है मिली जानकारी के अनुसार रिंहण्ड के रेंजर किसी भी मामले में कोई जानकारी मांगना चाहे तो वह मुलाकात तो छोड़ फोन तक रिसीव नहीं करते।
मामला महुली वन परिक्षेत्र का है पेड़ो की इस कदर कटाई की जा रही है कि धीरे धीरे जंगल विलुप्त के कगार में है अगर इसी तरह जंगल की कटाई होता रहा तो न जाने आने वाले समय में जंगल एक मैदान बन चुका होगा जिसका जिम्मेदार वन विभाग के लोग होंगे इसके बावजूद जो जंगल की रक्षा की बड़े बड़े दावे करते है जरा इनकी जंगल की ओर एक नजर डाल के देखिए जो खुद अपने वन परिक्षेत्र को संभाल नहीं सकते उनके हाथों में रामगढ़ वन परिक्षेत्र का प्रभार भी दिया गया है।
में बात करू तो एक रेंजर को दो प्रभार में दे दिया गया जो खुद अपने ही वन परिक्षेत्र रक्षा नही कर सकता वो वन की जीवो की क्या रक्षा करेगा सिस्टम खेल देखिए की पूरे छत्तीसगढ़ में कोई भी एक रेंजर नही जो रामगढ़ रेंज का पदभार ले सके कही न कही सिस्टम में सवाल या निशान है यह सिस्टम का खेल रचने वाले शायद यह भूल गए की भ्रष्टाचार का खेल एक दिन खत्म होगा।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार रिहण्ड वन परिक्षेत्र के अंतर्गत महुली में कुछ लोग मिली भगत से जीवित पेड़ो की कटाई करवाकर बाहर सफलाई करवाते है जिसमे विभाग के कुछ लोग सामिल है और उसे मोटे रकम में बेचकर आपस में बाटा जाता है जरा सोचिए अगर रक्षक ही भक्षक बन जाए तो इस जंगल का क्या होगा धीरे धीरे पेड़ो की कटाई एवं अतिक्रमण करते करते ऐसा न हो जाए की इंसान को शुद्ध हवा भी नही मिल पाएगा यह खेल पूरे सेटिंग से होता हैं मगर उच्च अधिकारी आंख में पट्टी बांधकर केवल और केवल अपने जेब भरने में लगे है।