*क्या पुलिस राजनीतिक पार्टी की दबाव पर नहीं करती कोयला माफियाओं पर कार्यवाही *

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*क्या पुलिस राजनीतिक पार्टी की दबाव पर नहीं करती कोयला माफियाओं पर कार्यवाही *



0*सूरजपुर जिले से लेकर सरगुजा संभाग तक इन खदानों से होते हैं कोयले की तस्करी....*






सुरजपुर। एसईसीएल बिश्रामपुर क्षेत्र की गायत्री खदान व आमगांव ओपन कास्ट परियोजना व अमेरा ओपनकास्ट परियोजना में रोजाना भारी मात्रा में हो रही कोयला चोरी की घटनाओं पर लगाम नही लग रही है। सत्ता परिवर्तन के बाद लोगों में उम्मीद जगी थी कि इस अवैध कारोबार पर रोक लगेगी लेकिन यह आज भी बदस्तूर जारी है। लोग अब कहने लगे है कि पहले कांग्रेस और अब कथित भाजपा नेताओ का कोल माफियाओं को संरक्षण मिल रहा है। एसईसीएल की लचर सुरक्षा तंत्र के साथ ही कथित पुलिसिया साठगांठ से कोल माफिया खुलेआम कोयला तस्करी को अंजाम देकर कंपनी को लाखों की क्षति पहुंचा रहे हैं। कोयला तस्करों के इशारे पर रोजाना शाम ढलते ही कोयला चोर गिरोह के सदस्य कोयला स्टाक से बेख़ौफ़ कोयला चोरी को अंजाम दे रहे हैं। कोयला चोरों के आतंक से कोयला कामगार रात्रि में दहशत के साए ड्यूटी करने को मजबूर हैं। 


उंक्त कोयला खदानों में शाम ढलते ही कोयला चोर गिरोह के सदस्य सक्रिय हो जाते हैं। विरोध करने पर वे ड्यूटी में तैनात सुरक्षा कामगारों व कोयला कामगारों के साथ मारपीट करने पर उतारू हो जाते हैं।


*क्या दबंगों को राजनीतिक पार्टी का संरक्षण प्राप्त है*


कथित पुलिसिया साठगांठ के कारण कोयला चोरों के हौसले बुलंद है और वे रोजाना उंक्त खदानों से व्यापक पैमाने पर कोयला चोरी की वारदात को अंजाम दे रहे है। हकीकत में कोयला चोरी के कारण उक्त खदानों के कोयला स्टाक में स्टाक से कम कोयला पड़ा है। कोयला कर्मचारियों का कहना है कि कोल माफियाओं के इशारे पर आसपास गांवों के ग्रामीण महिला पुरुष समूह बनाकर शाम ढलते ही खदान में पहुंचकर व्यापक पैमाने पर कोयला चोरी करना प्रारंभ कर देते हैं। कोयला चोरी का विरोध करने पर चोरों द्वारा पथराव कर दहशत की स्थिति निर्मित कर बोरियों में कोयला भरकर खदान के पीछे जंगल में भंडारित करते है और वहां से अधिकाश कोयला पिकप वाहनों से पार कर दिया जाता है।


*जिले से संभाग तक कोयले की तस्करी प्रशासन चुप्पी साधे हुए है*


पिकअप व ट्रकों से हो रही कोयला तस्करी-जिले से सटे सरगुजा के उदयपुर थाना इलाके के पोतका गांव में इन दिनों कोल माफिया गांयत्री खदान से चोरी हो रहे कोयले की खुलेआम खरीदी कर ट्रकों के जरिए कोयला  तस्करी सरगुजा संभाग के अलग-अलग क्षेत्र में बने ईंट भट्टो व बड़ी बड़ी फैक्ट्रीयों में बेरोकटोक कोयले की तस्करी की जा रही है। यहां पिकप व मोटरसाइकिलों से चोरी का कोयला पहुंचाया जा रहा है। इसी प्रकार आमगांव खदान से चोरी हो रहे कोयले की इलाके के दो ईंट भट्ठों में खरीदी कर ट्रकों से कोयला तस्करी जारी है। वही अमेरा खदान से चोरी कोयले की अनेक स्थानों पर खरीदी कर बेख़ौफ़ कोयला तस्करी की वारदात को अंजाम दिया जा रहा है।


*सुरक्षा जवानों की भूमिका भी संदिग्ध*


चोरी रोकने के उद्देश्य से एसईसीएल प्रबन्धन ने त्रिपुरा राइफल्स के जवानों को अनुबंधित किया है। उनकी खदानों में ड्यूटी भी लगाई जाती है। उसके बावजूद कोयला चोरी पर रोक नही लगने के कारण एसईसीएल के सुरक्षा कर्मियों समेत त्रिपुरा राइफल्स के जवानों की विश्वसनीयता पर प्रश्नचिन्ह लगना लाजिमी है।


*ईंट भट्ठों में खपता है चोरी का कोयला*


उंक्त खदानों के आसपास क्षेत्रो में अनेक वैध अवैध ईंट भट्टे संचालित है। कोयला चोरों द्वारा खदानों के आसपास व अगल बगल के गांवों में संचालित वैध और अवैध ईंट भट्ठों में बिना रोक टोक बाइक व साइकिलों से बोरियों में चोरी का कोयला ले जाकर खपाया जाता है। गांव के लोगों का कहना है कि क्षेत्र में अनेक अवैध ईंट भट्ठे है, जिससे ग्रामीण क्षेत्र का पर्यावरण भी प्रदूषित हो रहा है और खनिज महकमा मूकदर्शक बना बैठा है। इस आशय की शिकायत किए जाने के बावजूद खनिज अधिकारी द्वारा कार्रवाई के नाम पर महज खानापूर्ति किए जाने से खनिज विभाग की भूमिका पर सवालिया निशान लगना स्वाभाविक है।


*क्या है इनका बयान*




कोल माइंस ड्राइवर कल्याण संघ सरगुजा छत्तीसगढ के महासचिव सरगुजा मोहन प्रताप सिंह ने बताया कि सुरक्षाकर्मियों व त्रिपुरा राइफल्स के जवानों की भूमिका भी संदिग्ध नजर आ रही है। प्रबंधन की बार-बार शिकायत के बावजूद पुलिस द्वारा अभियान चलाकर कोयला चोरों के विरुद्ध कार्यवाही नहीं किए जाने से पुलिस विभाग की छवि भी धूमिल हो रही है। *:--  मोहन प्रताप सिंह, कोल माइंस ड्राइवर कल्याण संघ सरगुजा छत्तीसगढ।*




पुलिस प्रशासन व कहीं ना कहीं सुरक्षाकर्मियों की भी साठगांठ से कोयला तस्करी निर्बाध गति से जारी है। कोयला खान क्षेत्रों के आसपास संचालित अवैध ईंट भट्ठों में चोरी का कोयला बेरोकटोक खपाया जा रहा है। कोयला तस्करों ने कोयला खान क्षेत्र में आतंक मचा रखा है। इस पर अंकुश नहीं लगने से पुलिस की छवि भी धूमिल हो रही है। *:-- अजय विश्वकर्मा, केंद्रीय अध्यक्ष एसकेएमएस*

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