राकेश जायसवाल सूरजपुर
सूरजपुर। प्रेमनगर क्षेत्र में हाथियों के हमले की दो अलग-अलग घटनाओं में हाथियों ने दो बुजुर्गों को कुचलकर मौत के घाट उतार दिया। क्षेत्र में पिछले चार-पांच दिनों से ग्यारह सदस्यीय हाथियों का दल विचरण कर रहा है और क्षेत्र में ग्रामीणों के कच्चे मकानों को ढहाने व अनाजों को चट करने के साथ ही किसानों की खड़ी फसलों को रौंदकर तबाह कर रहे हैं। जिससे समूचे क्षेत्र में दहशत व भय का माहौल निर्मित हो गया है और ग्रामीण रतजगा कर रहे हैं। घटना के संबंध में मिली जानकारी के अनुसार कोरिया जिले की ओर से पहुंचे ग्यारह सदस्यीय उत्पाती हाथियों के दल ने क्षेत्र में पिछले चार-पांच दिनों से जमकर तबाही व उत्पात मचाया है। वहीं बीती रात हाथियों ने प्रेमनगर वनपरिक्षेत्र के सतकोना जंगल डेरा जमाए हुए थे और रात करीब 12 बजे जंगल से निकल प्रेमनगर मुख्य मार्ग से होते हुए अभयपुर गांव में पहुंच गये। जहां हाथियों ने ग्रामीण मनबोध गोंड 70 वर्ष को पटक दिया और कुचलकर मार डाला। इसके बाद हाथी जनार्दनपुर की ओर रूख कर गये। जहां हाथियों ने ग्रामीण राजाराम के घर को तोड़ दिया। घर के लोगों ने जैसे-तैसे वहां से भाग अपनी जान बचायी लेकिन 70 वर्षीय रामपति गोंड नहीं भाग पायी और हाथियों के चंगुल में फंस गई और हाथियों ने उसको कुचलकर मार डाला। बताया जा रहा है कि रामपति की मौके पर ही मौत हो गई। घटना की सूचना पर मौके पर पहुंची वन विभाग की टीम शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। वहीं दूसरी ओर वन अमला हाथियों की गतिविधियों पर नजर बनाये हुए हैं। इसके साथ ही वन अमले ने ग्रामीणों से हाथियों को न छेड़ने व सतर्क रहने की हिदायत दी है।
पीड़ित परिवार को मिला 25-25 हजार सहायता राशि
वन अधिकारियों ने बताया कि पीड़ित के परिवार के सदस्यों को 25-25 हजार रूपए की तत्काल सहायता राशि प्रदान की गई है। जबकि शेष छह लाख रूपए का मुआवजा औपचारिकताओं को पूरा करने के बाद दिया जाएगा।
जंगल हाथियों से सतर्क रहे ग्रामीण
प्रदेश के कोरिया, सूरजपुर, सरगुजा व बलरामपुर जिले में पिछले एक दशक से जंगली हाथियों का उत्पात जारी है और हाथियों ने इन क्षेत्रों में लगभग एक दशक से उत्पात मचाया हुए है। इसके साथ ही जन व धान की हानि पहुंचायी है। वन विभाग द्वारा लगातार सायरन, हूटर व मुनादी के माध्यम से ग्रामीणों को सर्तक किया जाता है रहा है। वन विभाग के द्वारा ग्रामीणों जंगली हाथियों से सतर्कता बरतने और उनको नहीं छेड़ने की बात बार-बार कही जाती रही है, फिर भी ग्रामीण इन उत्पाती हाथियों के चपेट में आ ही जाते हैं। बहरहाल वन अमले ने ग्रामीणों से इन उत्पाती हाथियों से सतर्क रहने की बात कही है।