भूपेन्द्र राजवाड़े सूरजपुर/
सूरजपुर । भटगांव क्षेत्र की जमीन का एक हिस्सा धंस जाने से जमीन पर 5 फीट चौड़ा और 20 फीट गहरा एक विशालकाय गड्ढ़ा बन गया है। गनीमत था कि घटना के वक्त वहां कोई मौजूद नहीं था, जिससे किसी को कोई चोट नहीं आयी। जहां जमीन धंसी है उसके पास गांव और दर्जनों मकान हैं। साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड लिमिटेड (एसईसीएल) की •भूमिगत कोयला खदान का ऊपरी हिस्सा धंसने की खबर जिला प्रशासन को दी गई है। गौरतलब है कि जमीन के नीचे से कोयला निकाला जा चुका है और भूमिगत खदान के ऊपर लोग रहते हैं। एसईसीएल के सब एरिया मैनेजर प्रदीप कु व तहसीलदार रोहित सिंह मौके पर पहुंचे। तहसीलदार ने कुछ कहने से इंकार कर दिया। वहीं घटना को लेकर लोगों में काफी आक्रोश देखा जा रहा है। उपस्थित ग्रामीणों के साथ अधिकारियों की तीखी नोक-झोक हुई। वहीं अधिकारियों द्वारा इसकी जांच की जा रही है।
अफसरों पर भड़के ग्रामीण
करीब 25 साल से यह भूमिगत खदान नगर पंचायत भटगांव क्षेत्र में संचालित है। घटनास्थल से 100 मीटर दूर रहने वाले ग्रामीणों ने मंगलवार की सुबह भटगांव बस स्टैंड के समीप आंगनबाड़ी इटभाटा के करीब 5 फीट चौड़ा और 20 फीट गहरा गड्ढा देखा। गनीमत था कि घटना रात को हुई, जिससे किसी को चोट नहीं आयी। आशंका जतायी जा रही है कि अगर यह घटना दिन में होती तो बड़ी दुर्घटना हो सकती थी। ठीक इसके नीचे भूमिगत खदान होने की वजह से बड़ी आबादी को नुकसान की आशंका ग्रामीणों को थी। ग्रामीणों का कहना है कि रात में जोरदार अवाजा सुनाई दी थी। मौके पर भटगांव भूमिगत खदान के मैनेजर एच पॉल पहुंचे। नाराज ग्रामीण एसईसीएल के कर्मचारियों पर भड़क गये और एसईसीएल के अफसरों को घेर कर हाथापाई पर उतारू हो गए। किसी तरह पुलिस कर्मियों ने समझाइश देकर मामला शांत किया।
खदान क्षेत्र में पहले हो चुकी है ऐसी घटनाएं
बताया जा रहा है कि इससे पहले भटगांव भूमिगत कोयला खदान के ऊपरी हिस्से की जमीन धँसकने की घटना साल भर के अंदर कई बार हो चुकी है। यहां खदान के कुछ हिस्से में डिपिल्लरिंग का काम किया जा रहा है। भू
मिगत खदान की पिल्लर गिराने की वजह से जमीन धंसने की घटनाएं हो रही है।
बड़ी दुर्घटना टली
बड़ी दुर्घटना टली
घटनास्थल से महज पांच मिटर की दूरी पर आंगनबाड़ी केन्द्र स्थित है, जहां बच्चों को पढ़ाया जाता है। कर्मा का त्योहार होने की वजह से आज आज बच्चे आंबा केन्द्र नहीं पहुंचे थे, जिससे बड़ी दुर्घटना टल गई। अगर बच्चे वहां रहते तो गंभीर हादसा हो सकता था।
गड्ढे में भरी जाएगी मिट्टी
गड्ढे में भरी जाएगी मिट्टी
एसईसीएल के अधिकारियों ने कहा कि घटनास्थल को पहले बैरिकेट्स लगाकर घेराबंदी की जाएगी। परीक्षण के बाद गड्ढे में मिट्टी डाल कर •ारा जाएगा। दोपहर बाद एसईसीएल कर्मियों ने गड्ढे के चारों ओर तार की फेंसिंग कर दी। बताया जा रहा है कि एक-दो दिन में मिट्टी डाल टीलानुमा बना दिया जाएगा। समय-समय पर कर्मचारी स्थल का जायजा लेंगे, ताकि कोई बड़ी दुर्घटना न हो।