0*शिक्षकों की चार सूत्रीय मांगों पर सूरजपुर से गुंजी आवाज,साझा मंच ने मुख्यमंत्री के नाम सौंपा ज्ञापन*
0*शिक्षा विभाग के नियमों की अनदेखी पर फूटा शिक्षकों का गुस्सा, शिक्षक साझा मंच ने मुख्यमंत्री के नाम सौंपा ज्ञापन*
सूरजपुर। शिक्षक साझा मंच ने सरकार के समक्ष अपनी चार प्रमुख मांगों को लेकर एक बार फिर आवाज बुलंद की है। नियम विरुद्ध युक्तियुक्तकरण को निरस्त करने,क्रमोन्नति का जनरल आर्डर, पूर्व सेवा का पेंशन में समावेश तथा बीएड की अनिवार्यता में छूट की मांग करते हुए शिक्षक साझा मंच ब्लाक ईकाई सूरजपुर के ब्लाक संचालक कृष्ण कुमार सोनी, मुन्ना प्रसाद सोनी और चन्द्रदेव चक्रधारी के नेतृत्व में सूरजपुर जिला मुख्यालय के रंगमंच मैदान से अनुविभागीय अधिकारी कार्यालय सूरजपुर तक रैली निकालकर अनुविभागीय अधिकारी को मुख्यमंत्री महोदय,शिक्षा सचिव महोदय और संचालक महोदय लोक शिक्षण संचालनालय रायपुर के नाम ज्ञापन सौंपा । यह ज्ञापन केवल एक मांगपत्र नहीं बल्कि शिक्षकों की पीड़ा की गूंज है, जो अब आंदोलन का रूप ले ली है। जिला संचालक सचिन त्रिपाठी, भूपेश सिंह,विजय साहू,निर्मल भट्टाचार्य, राकेश शुक्ला और गौतम शर्मा ने बताया कि एक ओर शासन द्वारा गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और पारदर्शी प्रशासन की बात की जा रही है, वहीं दूसरी ओर सूरजपुर जिले में युक्तियुक्तिकरण की प्रक्रिया को लेकर गंभीर प्रश्नचिह्न खड़े हो रहे हैं। साझा मंच जिला शिक्षा अधिकारी श्रीमती भारती वर्मा के अशिष्ट व्यवहार और भ्रष्टाचार की शिकायत लगातार करते आ रहा है। 02 अगस्त 2024 को जारी युक्तियुक्तकरण आदेश को लेकर साझा मंच के पदाधिकारियों ने गंभीर विसंगतियों और धांधली के आरोप लगाए हैं । 2008 में वित्त विभाग द्वारा स्वीकृत पदों के अनुरूप युक्तियुक्तकरण नहीं किया गया, जिससे शिक्षकों की नियुक्ति असंतुलित, अनुचित व पक्षपातपूर्ण हुई है। ज्ञापन में स्पष्ट कहा गया कि दोषी अधिकारियों पर कार्यवाही हो और युक्तियुक्तकरण प्रक्रिया को तत्काल निरस्त किया जाए। इसके साथ ही शिक्षक श्रीमती सोना साहू को माननीय उच्च न्यायालय बिलासपुर द्वारा W.A. 261/2023 प्रकरण में 28 फरवरी 2024 को पारित निर्णय के अनुसार पूर्व सेवा की गणना कर क्रमोन्नत वेतनमान व एरियर्स का भुगतान किया गया । साझा मंच ने मांग की है कि यह लाभ प्रदेश के सभी पात्र शिक्षकों को दिया जाए और शासन जनरल आर्डर जारी करे। शिक्षकों ने यह भी जोर देकर कहा कि एल.बी. संवर्ग को प्रथम नियुक्ति तिथि से पूर्व सेवा की गणना कर पेंशन, ग्रेच्युटी व सेवानिवृत्ति लाभ दिए जाएं। वर्तमान स्थिति में पूर्व सेवा को नजर अंदाज करना संविधान और न्यायालय दोनों का उल्लंघन है। एल.बी. संवर्ग के शिक्षक वर्षों से डी.एड. योग्यता के साथ कार्यरत हैं,परंतु पदोन्नति में बीएड की शर्त से बड़ी संख्या में शिक्षक वंचित हो रहे है । पूर्व में डीएड के आधार पर भी व्याख्याता व प्राचार्य बने हैं, अब नया भेदभाव क्यों ? यह सवाल शिक्षक संगठनों ने उठाया है । साथ ही, प्राचार्य के सीधी भर्ती के 10% पदों को विभागीय परीक्षा से भरने की मांग भी की गई। साझा मंच ने कहा कि यदि शासन इन मांगों पर त्वरित निर्णय नहीं लेता, तो शिक्षकों को विरोध प्रदर्शन व आंदोलन के लिए बाध्य होना पड़ेगा। शिक्षक साझा मंच ने आशा जताई है कि शासन इस विषय को गंभीरता से लेते हुए त्वरित कार्रवाई करेगा और भविष्य में इस प्रकार की परिस्थितियों से बचने के लिए सुस्पष्ट, पारदर्शी और न्यायसंगत व्यवस्था लागू की जाएगी।
इस अवसर पर अवसर पर जिला संचालक सचिन त्रिपाठी, भूपेश सिंह,विजय साहू, निर्मल भट्टाचार्य,राकेश शुक्ल,गौतम शर्मा, राहुल ठाकुर,संजय चौबे,संजय मिश्रा, अंकित कोसरिया, गौरीशंकर पाण्डेय, मिथलेश पाठक, कमल किशोर पाण्डेय,राजेन्द्र जायसवाल, पुष्पेन्द्र चौबे,रोशन साहू, श्रीमती सीमा कुशवाहा, श्रीमती ललमेन टोप्पो ,सहित सैकड़ों शिक्षक उपस्थित रहे।