0*भारत का विभाजन मानव इतिहास की सबसे बड़ी त्रासदियों में एक-बाबूलाल अग्रवाल*
0*युवा पीढ़ी को सत्य से अवगत कराने मोदी जी ने यह दिवस घोषित किया- भूलन सिंह मरावी*
सूरजपुर। भाजपा के तत्वावधान में बुधवार को यहाँ विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस पर एक महती संगोष्ठी का आयोजन किया गया। स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने संगोष्ठी को संबोधित करते हुए कहा कि विभाजन की विभीषिका के रूप में विभाजन की त्रासदी को याद करने और नई पीढ़ी को उससे अवगत कराने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 14 अगस्त 2021 से इस दिवस के आयोजन की परंपरा को शुरू किया। हमारे देश का एक महाविनाशकारी विभाजन हुआ। श्री जायसवाल ने कहा कि जो समाज,देश पीछे की ओर अपनी भूलों का स्मरण कर वर्तमान को सुधारते हुए भविष्य का एक सुनहरा चित्र प्रस्तुत करता है, भविष्य के सपने बुनने का काम करता है, वह समाज आदर प्राप्त करता है। जब हम इतिहास से सीख नहीं लेते, तब गलतियों की पुनरावृत्ति होती है और इसलिए बार-बार ऐसे संकट जो हमारे देश के समक्ष आए, हमारे सामने प्रस्तुत हुए, उससे सीख लेकर पिछली गलतियों को सुधारते हुए और आगे के लिए सही नीति का का क्रियान्वयन हो, यह हमारे लिए, हमारे समाज के लिए, हमारे देश के लिए आवश्यक है। आज का यह दिन हमको इस विषय पर विचार करने के लिए प्रेरित करता है और इसलिए संपूर्ण देश के अंदर भारत विभाजन दु:खांतिका का स्मरण कराने का काम हम कर रहे हैं। श्री जायसवाल ने कहा कि जब देश 15 अगस्त 1947 को स्वतंत्रता के जश्न में डूबा था, उसी समय देश के अंदर लाखों लोगों के घर लूटे गए, उनकी अपनी खुद की भूमि से उनको अलग होना पड़ा, हमारे ही समान उन्होंने भी स्वतंत्रता के लिए आंदोलन किया था, वह भी जेल गए। 2 लाख से लेकर 20 लाख तक की संख्या की आबादी विभाजन के कारण हत्या की शिकार हुई। डेढ़ करोड़ लोगों की आबादी के अपनी भूमि से निर्वासित होना पड़ा और 78 हजार वर्ग मील भूमि हमारे हाथ से चली गई। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि विभाजन के बाद जब हम अमृतसर के लिए लाहौर और कराची से चलते थे, वहां से हजारों लोग चले थे पर भारत आते-आते यह संख्या महज 10, 20, 25 बचती थी। जो बांग्लादेश में अभी हो रहा है, अभी उसकी कल्पना करके देखें तो उस समय की विभीषिका कितनी भयानक रही होगी? स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने कहा कि तत्कालीन नेतृत्व ने काश धैर्य का परिचय दिया होता तो यह विभाजन नहीं होता।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए*भाजपा जिलाध्यक्ष बाबूलाल अग्रवाल* ने सर्वप्रथम विभीषिका में प्राण गँवाने वाले सभी जनों को विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित दी। श्री अग्रवाल ने कहा कि भारत का विभाजन देश का विभाजन नहीं था यह मानव इतिहास की सबसे बड़ी त्रासदियों में से एक थी। विभाजन का दंश जो पीढ़ी ने झेला है, उसे आने वाली पीढ़ी कभी नहीं भूलेगी। यह कभी भूलना भी नहीं चाहिए। यह हम कभी नहीं भूलेंगे इसलिए भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस की शुरुआत की है। भारत विभाजन के दौरान लोगों का विस्थापन हुआ लोग अपनों से बिछड़ गए लोगों ने मजबूरी में किस तरह पलायन किया उसकी तस्वीरें को कोई नहीं भूल सकता है। यह दिवस पर संप्रभुता और अखंडता के लिए एकजुट होने का सबक है।
*प्रेमनगर विधायक भूलन सिंह* ने संबोधित करते हुए कहा कि इतिहास में इतनी बड़ी विभिषिका कोई दूसरी नहीं हुई होगी। हम आजादी का जश्न तो मानते हैं परंतु उस जश्न के साथ में करोड़ों लोगों के दुख पीड़ा जिन्होंने अपने जन्मस्थान को छोड़, अपनी जड़ों को छोड़, अपने परिवार को खोया, अपने परिवार के लोगों के साथ अत्याचार देखा है। शायद विश्व के इतिहास में इतनी बड़ी विभीषिका कोई दूसरी नहीं हुई होगी। विभाजन के दौरान 20-20 लाख लोगों की हत्या हुई करोड़ों लोगों को अपना देश, अपनी जन्म भूमि अपनी जमीन छोड़कर आना पड़ा और कभी उनको याद नहीं किया जाता रहा। 2021 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विभाजन की विभीषिका के बारे में लोगों को बताने के लिए और हमारी आने वाली पीढ़ी को जानकारी हो, हमको आजादी ऐसे नहीं मिली है इस आजादी के साथ हमें आंसू भी मिले हैं और उसकी याद करने के लिए यह कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है।इस दौरान पूर्व विधायक रजनी त्रिपाठी, प्रदेश मंत्री परमेश्वरी राजवाड़े, भीमसेन अग्रवाल, रामकृपाल साहू, थलेश्वर साहू मंचासीन रहे। कार्यक्रम का संचालन जिला महामंत्री राजेश महलवाला व आभार प्रदर्शन जिला मिडिया प्रभारी शशि तिवारी ने किया।
*स्वास्थ्य मंत्री ने किया विभाजन की विभीषिका स्मृति दिवस पर छायाचित्र प्रदर्शनी का शुभारंभ*
नगर स्थित रंगमंच मैदान में विभाजन की विभीषिका स्मृति दिवस पर विभाजन पर जुड़े घटनाओं की छायाचित्र का प्रदर्शनी लगाया गया। प्रदर्शनी का शुभारंभ स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल, भाजपा जिलाध्यक्ष बाबूलाल अग्रवाल, वरिष्ठ भाजपा नेता भीमसेन अग्रवाल, पूर्व जिलाध्यक्ष रामकृपाल साहू ने फीता काट कर किया। प्रदर्शनी के अवलोकन के लिए बड़ी संख्या में नागरिक, एवं छात्र छात्राएं पहुंची।