*गोविंदपुर उपस्वास्थ्य केंद्र में चार महीनों से है ताला बंद, नहीं रहता है कोई स्टाफ,गर्भवती महिलाओं का इलाज के अभाव में मौत,, क्षेत्र में फैली सनसनी।*

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*गोविंदपुर उपस्वास्थ्य केंद्र में चार महीनों से है ताला बंद, नहीं रहता है कोई स्टाफ,गर्भवती महिलाओं का इलाज के अभाव में मौत,, क्षेत्र में फैली सनसनी।*

 

0*प्रतापपुर के सुदूर वनांचल दूरस्थ क्षेत्र होने के चलते नहीं पड़ती है शासन प्रशासन की नजर जिसका खामियाजा भोले भाले गरीब गर्भवती महिलाओं बुजुर्गों को जान देकर चुकाना पड़ रहा है।*





प्रतापपुर। प्रतापपुर के दूरस्थ वनांचल क्षेत्र गोविंदपुर उप स्वास्थ्य केंद्र लगातार चार महीना से लगा है। ताला नहीं रहता है कोई स्टाफ नहीं खुलता है उप स्वास्थ्य केंद्र जिससे स्थानीय गर्भवती महिलाओं को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है आए दिन लगातार मौसमी बीमारियों से ग्रसित लोगों बच्चों बुजुर्गों गर्भवती महिलाओं को जान देकर चुकानी पड़ रही है कीमत यदि छोटी-मोटी बीमारियों का ईलाज उप स्वास्थ्य केंद्र खुला रहता तो दवाई भी मिल जाता है बहन बेटियों का समय पर इलाज भी हो जाता एवं बुजुर्गों महिलाओं का बीपी शुगर टेस्ट भी हो जाता है लेकिन लगातार उप स्वास्थ्य केंद्र लागातार बंद होने के चलते सभी सुविधाओं से ग्रामीणों को वंचित किया जा रहा है जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग नहीं ले रहा है कोई सुध नहीं है कोई गरीबों का मसीहा,


ज्ञात हो की राष्ट्रपति द्वारा सम्मानित माता राजमोहिनी देवी जी का जन्म स्थल भी गोविंदपुर में है लेकिन उन्ही का गांव हुआ बत्त से बत्तर सभी लाभों से किया जा रहा है गरीब महिलाओं का शोषण जान की सुरक्षा देने में नाकाम स्वास्थ्य विभाग भ्रष्टाचार चरम पर जिन स्टॉप की ड्यूटी गोविंदपुर उप स्वास्थ्य केंद्र में लगाई गई है वह चार महीना से नहीं आती है पूरी तरह से बंद पड़ा,


 नहीं है कोई सुनने वाला, और ना ही देखने वाला आखिर जाए तो जाए कहा यदि उप स्वास्थ्य केंद्र को नहीं खोलना था तो फिर शासन प्रशासन ने बनाया ही क्यों, कहा है जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग क्या सिर्फ और स्वास्थ्य केंद्र बनाकर भुला शासन प्रशासन आखिरकार इतनी बड़ी लापरवाही क्यों जिसकी खामियाजा इन भोले भाले स्थानीय ग्रामीण महिलाओं को जान देकर चुकानी पड़ रही है उप स्वास्थ्य केंद्र का बंद रहने के कारण ग्रामीणों को 40 किलोमीटर दूर प्रतापपुर जाना पड़ता है जिससे दर्द से कराहती गरीब महिलाएं से नहीं है सरकार का कोई नुमाइंदा जो ले सके इन गरीब महिलाओं का सुध इतनी दूर जाते-जाते कई महिलाओं की चली जाती है जान जिसे देख स्थानीय ग्रामीणों काफी आक्रोशित है उनका कहना है कि 24 घंटा उप स्वास्थ्य केंद्र खुला रहना और अच्छा जानकार स्टॉप भी मिलना चाहिए एवं विभिन्न प्रकार की जो सुविधा हो वो हमलोगो को मिलना चाहिए


अगर हमारी मांगे पूरी नहीं हुई तो बाध्य होकर करेंगे बड़ा आंदोलन जिसका खामियाजा शासन प्रशासन को भुगतना पड़ेगा


ज्ञात हो की ग्राम पंचायत गोविंदपुर पूरे छत्तीसगढ़ प्रदेश में विख्यात है जहां छत्तीसगढ़ के कई मुख्यमंत्री ने भी आकर इस गांव में शिरकत किया है तथा स्वास्थ्य व्यवस्था सहित कई अन्य समस्याओं को गंभीरता से लेते हुए आम ग्रामीणों को इसके लाभ से जुड़े रहने का शासन प्रशासन स्तर पर कही जाती रही है मगर जमीनी स्तर पर स्थिति बाढ़ से बेहतर है उप स्वास्थ्य केंद्र में आए दिन ताला लगा रहता है। जिसका खामियाजा ग्रामीणों को जान देकर चुकाना पड़ता है क्योंकि प्रतापपुर विकासखंड 40 किलोमीटर दूर शहरी इलाज के लिए लोग तड़प तड़प कर जान दे देते हैं। यह क्षेत्र प्रतापपुर विकासखंड के अंतिम छोर पर होने के कारण तथा आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र तथा यहां के लोग काफी भोले भाले सीधे-साधे हैं। जब ग्राम गोविंदपुर माता राजमोहिनी देवी स्थल का यह गांव में इस तरह का स्वास्थ्य सुविधा का है अभाव तो पुर विकासखंड में किस तरह से चिकित्सा के क्षेत्र में डॉक्टर स्वास्थ्य सुविधा पर ध्यान दे रहे हैं यह भगवान ही मालिक है।


ग्रामीणों ने एक स्वर में कहा कि हमारा समस्या सुनने के लिए ना कांग्रेस की सरकार है ना बीजेपी की सरकार है सिर्फ अपना राजनीतिक सीखने के लिए चुनाव के समय में लोग दिखाई पड़ते हैं स्वास्थ्य सेवा सहित शिक्षा की व्यवस्था भी पूरी तरह चर मरा गई है। वहीं अस्पताल नहीं खुलने से लोग खून के आंसू रोने को विवश है।


जहां छत्तीसगढ़ सरकार स्वास्थ्य सुविधा को लेकर काफी चिंतित है वहीं अधिकारी अपने मनमाना रवैया से बाज नहीं आ रहे हैं क्योंकि इनके ऊपर में अधिकारियों का संरक्षण प्राप्त है अधिकारियों का संरक्षण प्राप्त रहने की वजह से इनका मनोबल बढ़ा हुआ है ग्रामीण जनता के समस्या को तक रखकर महीना महीना अस्पताल नहीं खुलना ग्रामीणों में आक्रोश है ग्रामीणों ने एक स्वर में कहा कि स्वास्थ्य सुविधा का बहुत ही बुरा हाल है अगर कोई हो गरीबों का मसीहा तो इस दुख से नीजात दिलाए


सूरजपुर जिले के बड़े अधिकारी एवं प्रतापपुर क्षेत्र के अधिकारी नहीं करते क्षेत्र का दौरा शिकायत के बाद भी नहीं होती ग्रामीणों की समस्या दूर ना इन अधिकारियों को शासन प्रशासन का डर है ना किसी कार्यवाही का डर क्योंकि मनमानी करना इनका कार्य है हमेशा प्रतापपुर स्वास्थ्य सुविधा को लेकर सुर्खियों में रहने वाला विवादित हो चुके स्वास्थ्य सुविधा बेहाल एवं चौपट है। आज खाने को तो छत्तीसगढ़ प्रदेश गरीब जनता किस का मसीहा बनता है तथा अपने आप को सर्वश्रेष्ठ करने वाले छत्तीसगढ़ शासन में जनता किस तरह से खून के आंसू आज भी रो रहे हैं ग्रामीणों ने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार की मूलभूत सुविधाओं से आज भी तरस रहा हमारा गांव कागजों के सिर्फ पन्नों में ही दफन है। और हम वनवासी जीवन जीने को मजबूर हैं।


इस विषय में सूरजपुर जिला सीएमएचओ स्वास्थ्य अधिकारी आरएस सिंह ने कहा कि मामला काफी गंभीर है और स्थिति बाढ़ से बेहतर हो चुकी है तत्काल मौके पर कार्यवाही की जाएगी आप लापरवाही करने वाले को बिल्कुल बक्सा नहीं जाएगा सस्पेंशन की कार्रवाई की जाएगी। प्रतापपुर क्षेत्र का स्वास्थ्य सुविधा बिल्कुल खराब हो चुकी है जिसकी मुझे बार-बार शिकायत प्राप्त हो रही है। जिले से जांच दल तत्काल भेजी जाएगी।

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