*मनरेगा के कार्य में भारी भरस्टाचार लाखो रुपये का हो गया गोल माल*

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*मनरेगा के कार्य में भारी भरस्टाचार लाखो रुपये का हो गया गोल माल*

 




सोनू कश्यप प्रतापपुर। ग्राम पंचायत गोविंदपुर मनरेगा के तहत लाठ पोखरा तालाब कार्य में भारी भ्रष्टाचार करते हुए गरीब ग्रामीणों का हक मारकर सरपंच ,उप सरपंच, सचिव के मनमानी से अवैध रूप से ग्रामीणों के नाम फर्जी हाजिरी भरकर जेसीबी से आधा अधूरा कार्य कराकर गहरीकरण के नाम से₹500000 रुपए का बंदरबाट करने का मामला सामने आया है।


ज्ञात हो की गोविंदपुर में अप्रैल मई में शासकीय पुराना तालाब को गहरी करन करने के नाम से जनपद पंचायत प्रतापपुर द्वारा₹500000 ग्राम पंचायत को स्वीकृत हुआ था जिसका कार्य गांव के सरपंच,उपसरपंच ,सचिव के द्वारा मनमानी वा दबंगई दिखाकर सारे नियम कानून की धज्जियां उड़ा दरकिनार करते हुए रात के अंधेरे में जेसीबी से कार्य कर दिया।


ग्रामीणों ने बताया कि मनरेगा के तहत यह कार्य होना था मगर जनपद के अधिकारी और सरपंच सचिव के साठ गांठ से यह गोरख धंधा जेसीबी लगाकर कार्य को पूरा कर फर्जी हाजिरी बनाकर अपने चहेते लोगों के नाम से रोजगार सहायक एवं सरपंच सचिव मिलकर फर्जी हाजरी भर के किसी का 6 दिन 10 दिन 8 दिन हाजिरी भर दिया गया।


तथा आधा अधूरा कार्य कर संपूर्ण पैसे को समाप्त कर दिया गया तालाब सफाई एवं गहरीकरण के नाम से₹500000 का जमकर बंदर बांट हो गया।


आधा अधूरा कार्य देख ग्रामीणों के विरोध करने पर जिसका ग्रामीणों ने सरपंच सचिव से विरोध भी किया मगर ग्रामीणों का किसी प्रकार से सुनवाई नहीं हो पाया।


पिछले महीना मई तक हुए इस तालाब निर्माण के कार्य में जमकर भर्रसाही और भ्रष्टाचार किया गया वही गरीबों का काम को छीनकर रसूखदार खुद को ग्रामीणों को दबंगई दिखाकर आधा अधूरा कार्य कर छोड़ दिए


ग्रामीणों का आरोप है कि आज भी इस तालाब का कचरा जेसीबी के माध्यम से एक जगह बीच में ढेर कर तालाब के बीचो-बीच में रख दिया गया है। जिस तालाब में यह कार्य हुआ है वहां पर जेसीबी के पांज के निशान हर तरफ देखे जा सकते हैं।


इतना बड़ा भ्रष्टाचार कर अपने करतूत को छुपाने में लगे हुए अधिकारी एवं सरपंच सचिव बरसात का इंतजार कर रहे हैं। ताकि दो-चार दिन बाद बरसात प्रारंभ हो और पूरा तालाब लबालब भर जाए जिसके कारण से यह भ्रष्टाचार छुप जाए।और पता भी न चले की।जेसीबी से कार्य हुआ।


सुदूर वनांचल क्षेत्र गोविंदपुर होने के कारण यहां के ग्रामीण काफी सीधे-साधे भोले भाले आज भी बनवासी जीवन को गुजारते हैं।


तथा छत्तीसगढ़ का पद्मश्री माता राजमोहिनी देवी का निवास व आश्रम के नाम व समाधि बनी हुई है इस गांव का काफी कीर्ति वा नाम छत्तीसगढ़ के कोने कोने में फैला हुआ है जहां भ्रष्टाचार करते हुए इस पावन एवं पुण्य गांव वा जगह को भी नही बकस रहे हैं।


जबकि प्रदेश के विकासशील मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह से लेकर पूर्व सरकार के भूपेश बघेल सहित बड़े-बड़े नेता मंत्री इस गांव में आ चुके हैं। तथा विशेष सरकार की निगरानी एवं प्रशासन की निगरानी इस गांव में रहती है। इसके बावजूद भी भ्रष्टाचार करते हुए गरीबों का निवाला छीनकर मनरेगा के तहत होने वाले इस कार्य को जेसीबी से कराकर व फर्जी हाजिरी भरकर पूरे प्रदेश में हड़कंप मचा दिए है। तथा ग्रामीण जन भारी आक्रोश है।


इस तरह का गैर जिम्मेदारना एवं भ्रष्टाचार सामने आने के बाद में ग्रामीणों ने सख्त से सख्त कार्रवाई का मांग किए हैं।जो जांच करने पर सामने आ जाएगा।


हद तो तब हो गई जब ग्रामीणों ने बताया कि सचिव ने जेसीबी भी अपने रिश्तेदारों के नाम से खरीदा है और इस जेसीबी से पूरा कार्य कराया है और इस तरह का कोई कार्य नया नहीं इससे पूर्व में भी कई तरह की कार्य हो चुके हैं मगर शासन प्रशासन ध्यान नहीं देने के कारण इनके हौसले बुलंद है।


जिला पंचायत सीईओ सूरजपुर श्रीमती कमलेशनंदिनी साहू ने कहा कि मामला काफी गंभीर है। जांच दल तत्काल भेजती हू कड़ी कार्रवाई करते हुए बर्खास्त की कार्यवाही की जाएगी। इस तरह के शिकायत आने के बाद में बिल्कुल नहीं बक्शा जायेगा। मनरेगा के तहत होने वाले कार्य मजदूरी भुगतान के हिसाब से होनी चाहिए जेसीबी से कार्य करना अपराध है। अधिकारी सहित संबंधित कारण बताओ नोटिस सभी को जारी होगा। और कड़ी कार्रवाई तत्काल की जाएगी

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